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सावधान ! कहीं आप मिलावटी दाल तो नहीं खा रहें हैं। ( Be careful ! Somewhere you are not eating adulterated lentils.)

 जी हाँ ! यदि आप भी मार्केट में बिकने वाली अरहर दाल खरीद कर इस्तेमाल करते है तो ज़रा सावधान हो जाएं। क्योंकि बाजार में साफ सुथरी और शानदार दिखाई देने वाली अरहर की दाल में खेसारी दाल को मिला कर बेचा जा रहा है जो आपको बीमार कर सकती है जिससे आपके पैरों में लकवा मार सकता है।   अरहर की दाल कुछ लोग शौक से और कुछ लोग मज़बूरी में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि दाल में प्रोटीन पाई जाती है इसलिए बाजार में गोरखधंदा करने वाले इसी बात का फायदा उठाकर अरहर की दाल से मिलती जुलती खेसारी दाल को मिलाकर बाजार में बेंच रहें है।       ये वही दाल है जिसे वर्ष 1961 में बैन कर दिया गया था। खेसारी दाल भारत में कभी इस कदर लोकप्रिय थी की कई इलाकों में पेमेंट के तौर पर इसका प्रयोग होता था। न्यू साइंटिस्ट मैगज़ीन में वर्ष 1984 में छपी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया था। वर्ष 1907 में जब देश में भयंकर सूखा पड़ा तो मध्य प्रदेश स्थित रीवा के महाराज ने इस दाल की खेती पर रोक लगा दिया था।  इस दाल को लाकहोली दाल के नाम से भी जाना जाता है। किसी समय में इसका इस्तेमाल किसान लोग जानवरों के चारे के रूप में करते थे। लेकिन सरका

आकस्मिक रोगों को कैसे ठीक करें? (How to cure accidental diseases?)


घर का डॉक्टर

जलना

  1. आग से जलने पर उस स्थान पर तुरन्त ही चूने का निथरा हुआ पानी और नारियल का तेल समान मात्रा में मिलाकर लगाने से जलन तत्काल मिट जाती है और फफोले इत्यादि भी नहीं पड़ते है। दिन में दो-तीन बार अवश्य लगाएँ। 
  2. शरीर के जले स्थान पर तत्काल ग्लिसरीन लगाने से न दर्द की पीड़ा होगी और न ही छाले पड़ेंगे और न ही चमड़ी लाल होगी। 
  3. कच्ची गाजर को पीसकर लगाने से भी तुरंत लाभ होता है और जले हुए स्थान पर ठंडक पड़ जाती है। 
  4. जले हुए स्थान पर कच्चा आलू पीसकर लगाएँ। तेज़ धूप या लू से त्वचा में जलन पैदा हो जाए, तो आलू का रस मलने से लाभ होता है। 
  5. जले हुए स्थान पर ग्वारपाठे का गुदा बाँधने से फफोले नहीं पड़ते है और शीघ्र ठंडक पहुँचती है। 
  • Immediately after burning with fire, apply equal quantity of lime-clarified water and coconut oil at that place, the burning sensation ends immediately and blisters etc. do not occur. Do apply two or three times a day.
  • Applying glycerin immediately to the burnt area of the body will not cause pain nor blisters nor red skin.
  • Applying ground carrot on the raw side also provides immediate benefits and cools down on the burnt area.
  • Grind raw potatoes and apply on the burnt area. If there is burning sensation in the skin due to strong sunlight or heatstroke, rubbing potato juice is beneficial.
  • Tying the anus of the guarpath on the burnt place does not cause blisters and cools quickly.
तेज़ाब से जलना
  1. बुझे हुए चूने का पानी और नारियल का पानी दोनों 10-10 मिली लीटर की मात्रा में लें, एक साथ काँच की शीशी में भर लें। फिर इसमें एक ग्राम पिपरमेंट व एक ग्राम भीमसेनी कपूर मिलाकर खूब हिलायें। इसके बाद इस घोल को तेज़ाब के जले वाले स्थान पर दिन में तीन बार लगाने से जलन शान्त हो जाती है, साथ ही घाव बनने व दाग पड़ने की संभावना भी दूर हो जाती है। 
  • Take both lime water and coconut water in the quantity of 10-10 ml, fill it in a glass vial simultaneously. Then mix one gram of piperment and one gram of Bhimseni Kapoor and stir it well. After that, by applying this solution three times a day in an acid burn area, the burning sensation becomes calm, as well as the possibility of scarring and scarring is also removed.
मोंच आना
  1. हाथ व पैर जहाँ पर भी मोच आई हो, वहाँ सरसों का तेल लगाकर उस पर पीसी हल्दी छिड़कर किसी कपडे से ढँक दें। एक कपडे में नमक की पोटली बाँध लें और इस पोटली को तवे पर गर्म करके कपडे के ऊपर से सिकाई करें। सिकाई करीब आधे घंटे तक करें, ज़रूर आराम मिलेगा। 
  • Wherever the hands and feet have sprained, apply mustard oil and sprinkle PC turmeric on it and cover it with a cloth. Tie a bundle of salt in a cloth and heat this bundle on a pan and compress it on top of the cloth. Do Sikai for about half an hour, you will definitely get rest.

पैर का छाला
  1. नए जूते पहनने पर पाँव में छाला या घाव हो जाए, तो इस पर जामुन की गुठली पानी में घिसकर लगाने से घाव ठीक हो जाता है। 
  • If there is a blister or wound in the foot on wearing new shoes, then rubbing a bunch of berries in water on it cures the wound.
पैर में काँच या काँटा चुभना
  1. जिस जगह पर काँच या काँटा चुभा हो, उस जगह पर हींग का घोल भर दें। काँच या काँटा अपने-आप बाहर निकल आयेगा। 
  • Fill the asafetida solution at the place where the glass or thorn pricks. Glass or thorn will come out by itself.
मूर्छा या बेहोशी
  1. चिंता, भय, क्रोध, गर्मी, परिश्रम आदि से हुई मूर्छा में कुछ निम्न उपाय इस प्रकार हैं -
  2. रोगी के मुँह पर ठण्डे पानी के छीटें मारें, सर पर ठण्डा पानी डालें, हवा करें। विषेशतः कमर के वस्त्रों को ढीला कर दें तथा प्याज के रस को नाक के दोनों छिद्रों में 2-2 बूँद टपकाये, ज़रूर आराम मिलेगा। 
  3. सम्पूर्ण शरीर पर मीठे तेल की मालिश करने से भी मूर्छा दूर हो जाती है। 
  • Some of the following measures in unconsciousness caused by anxiety, fear, anger, heat, labor etc. are as follows -
  • Sprinkle cold water on the patient's mouth, pour cold water on the head, air it. Especially loosen the clothes of the waist and onion juice drip 2-2 drops in both the nostrils, it will definitely get relief.
  • Massage of sweet oil all over the body also removes fainting.
घाव लगना या कटना
  1. सादा तम्बाकू में थोड़ा-सा खाने वाला बुझा हुआ चूना मिलाकर घाव में भर दें, ऊपर से पट्टी बाँध दें। इससे न सिर्फ घाव से खून बहना बंद हो जाता है, बल्कि घाव पकता भी नहीं है और जल्दी ही भर जाता है। 
  2. चोट, खरोंच या कट लगने पर खून बहता हो, तो गेंदे के फूल की पत्तियाँ महीन पीसकर टिकिया बना लें और खून निकलने वाले स्थान पर रखकर पट्टी बांध दें। खून बहना बंद हो जायेगा। 
  3. हाथ-पैर या शरीर का कोई भाग धारदार चीज़ से कट जाये और खून बहता हो, तो फ़ौरन किसी भी ब्राण्ड की बिना उपयोग की हुई चाय की पत्ती को तम्बाकू की तरह हथेली पर मसलकर कटे हुए स्थान पर लगाएँ। इससे कटा हुआ ज़ख्म पकेगा नहीं और बहुत जल्द अच्छा हो जायेगा। 
  • Mix plain lime with a little edible lime and fill it in the wound, tie a bandage over it. This not only stops bleeding from the wound, but the wound also does not ripen and heals soon.
  • If the bleeding occurs due to injury, scratches or cuts, make fine pieces by grinding fine leaves of marigold and place it on the place where the bleeding occurs. The bleeding will stop.
  • If the hands or feet or any part of the body is cut from a sharp thing and bleeds, immediately mash the unused tea leaves of any brand on the palm like tobacco and place it on the cut. This will not cure the bruised wound and will heal very soon.
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नीम के फायदे। (Benefits of Neem.)

घर का डॉक्टर नीम नीम भारतीय मूल का एक पर्ण-पाती पेड़ है। यह सदियों से हमारे पड़ोसी देशों - नेपाल, बांग्लादेश, म्यानमार, थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, पाकिस्तान आदि देशों में पाया जाता रहा है ।   इसका वास्तविक नाम Azadirachta Indica है। नीम का वास्तविक नाम इसके संस्कृत भाषा के निंब शब्द से उत्पन्न हुआ है।  भारत में नीम का उपयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है, आज के समय में बहुत सी एलोपैथिक दवाइयाँ नीम की पत्ती  व उसकी छाल से बनती है। नीम के पेड़ का हर अंग फायदेमंद होता है, बहुत सी बीमारोयों का उपचार इससे किया जाता है।  भारत में नीम का पेड़ घर में लगाना शुभ माना जाता है।  नीम का स्वाद कड़वा होता है, लेकिन नीम जितनी कड़वी होती है, उतनी ही फायदेमंद भी होती है। यहाँ मै आपको नीम के गुण और उसके लाभ के बारे  में बता रहा हूँ। जिसे आप घर में ही उपयोग करके बहुत सी बीमारियों का उपचार कर सकते है।  नीम के पेड़ से मिलता जुलता चीनीबेरी का पेड़ होता है, जो नीम के पेड़ की तरह दिखता है, लेकिन वह बेहद ही जहरीला पेड़ होता है।  नीम एक बहुत ही अच्छी वनस्पति है जो की भारतीय पर्यावरण के अनुकूल है और भारत में बहुताय

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