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सावधान ! कहीं आप मिलावटी दाल तो नहीं खा रहें हैं। ( Be careful ! Somewhere you are not eating adulterated lentils.)

 जी हाँ ! यदि आप भी मार्केट में बिकने वाली अरहर दाल खरीद कर इस्तेमाल करते है तो ज़रा सावधान हो जाएं। क्योंकि बाजार में साफ सुथरी और शानदार दिखाई देने वाली अरहर की दाल में खेसारी दाल को मिला कर बेचा जा रहा है जो आपको बीमार कर सकती है जिससे आपके पैरों में लकवा मार सकता है।   अरहर की दाल कुछ लोग शौक से और कुछ लोग मज़बूरी में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि दाल में प्रोटीन पाई जाती है इसलिए बाजार में गोरखधंदा करने वाले इसी बात का फायदा उठाकर अरहर की दाल से मिलती जुलती खेसारी दाल को मिलाकर बाजार में बेंच रहें है।       ये वही दाल है जिसे वर्ष 1961 में बैन कर दिया गया था। खेसारी दाल भारत में कभी इस कदर लोकप्रिय थी की कई इलाकों में पेमेंट के तौर पर इसका प्रयोग होता था। न्यू साइंटिस्ट मैगज़ीन में वर्ष 1984 में छपी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया था। वर्ष 1907 में जब देश में भयंकर सूखा पड़ा तो मध्य प्रदेश स्थित रीवा के महाराज ने इस दाल की खेती पर रोक लगा दिया था।  इस दाल को लाकहोली दाल के नाम से भी जाना जाता है। किसी समय में इसका इस्तेमाल किसान लोग जानवरों के चारे के रूप में करते थे। लेकिन सरका

कैसे बचे साइबर चोरों से ? (How to escape from cyber thieves?)


आजकल लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है मोबाइल! हमारी छोटी से छोटी और महत्वपूर्ण जानकारी, फोटोज और न जाने क्या-क्या हमारे फ़ोन मे रहता है। लेकिन जब हम इंटरनेट से जुड़ते है तो ये एक खुली तिजोरी की तरह हो जाता है, जहाँ कोई भी डांका डाल सकता है और हमारे फ़ोन से हमारी जानकारियाँ चुरा सकता है। 
ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं होता है की कोई उनकी अनुमति के बिना उनके मोबाइल को हैक करके उनकी जानकारियाँ चुरा रहा है। जबकि हर समय हैकर इसी प्रयास में लगे रहते है। भारत जैसे देश में जहाँ लोगों को जानकारियों का अभाव होता है  वे लोग बहुत ही आसान शिकार हो जाते  है। भारत में कई हैकिंग के केस सामने आ भी चुके है। 
तो आईये जानते है की हम कैसे अपने मोबाइल को इतना सुरक्षित बनाए की कोई भी उसकी सुरक्षा को तोड़ न पाए। 
फ्री वाईफाई से सावधान
आजकल कई शहरों के मेट्रो में यात्रियों की सुविधा के लिए वहाँ पर फ्री वाईफाई देना शुरू कर दिया है। फ्री की चीजे भारत में कई लोगों को आकर्षित करती है, लेकिन फ्री वाईफाई से कनेक्ट होना बहुत ही घातक हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योकि ये वाईफाई सब के लिए खुला होता है। ये एनक्रिप्टेड नेटवर्क नहीं होता है और कोई भी बड़ी आसानी से यह जान सकता है की आप इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं। इसलिए पब्लिक नेटवर्क पर बैंक की वेबसाइट या कुछ और जरुरी वेबसाइट चलाने से बचना चाहिये और ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो कोई भी आपके फ़ोन को हैक करके आपको नुकसान पहुँचा सकता है। इतना ही नहीं आजकल फेक मैसेज का चलन भी बहुत ज्यादा हो गया है। आमतौर पर पैसे कमाने वाले और ईनाम जितने वाले जैसे मैसेज का लिंक भेजा जाता है। उस लिंक या फाइल को जैसे ही आप खोलते है हैकर आपके फ़ोन पर मैलवेयर के जरिये आपके फ़ोन में प्रवेश कर जाता है। इसलिए यदि आप मैसेज भेजने वाले को नहीं जानते हैं तो उसे नहीं खोलना चाहिए। 
हमेशा अपडेट रहें
यदि आप अपने आप को हैकरों से बचाना चाहते है तो सबसे पहले आपको अपने फ़ोन को समय-समय पर अपडेट करते रहना होगा। स्मार्टफोन मेकर अपने ऑपरेटिंग सिस्टम को समय-समय पर अपडेट करते रहते है, वो ऐसा इसलिए करते है क्योंकि वह अपने हर नए अपडेट के साथ उसकी सुरक्षा और बढ़ा देते हैं। 
आजकल रोजाना नए-नए वायरस आ रहे हैं। ऐसे में पुराने ऑपरेटिंग सिस्टम अपने यूजर को वायरस से नहीं बचा पाते है, इसलिए ऑपरेटिंग सिस्टम के अपडेट दिए जाते है। 
अपने हर अपडेट के साथ एंड्राइड कुछ न कुछ नए बदलाव के साथ यूजर की सुरक्षा के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम में समय-समय पर बदलाव करते रहते है। ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ-साथ हमें अपने ऐप्स को भी अपडेट करते रहना चाहिए। क्योकि ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली ऐप पर ही हैकरों की नज़र रहती है। 
की-पैड फ़ोन का इस्तेमाल करें  
आजकल हर चीज ऑनलाइन हो गई है। ऑनलाइन पैसों के लेन-देन का चलन बढ़ गया है और हमारा फ़ोन नंबर भी बैंक अकाउंट से जुड़ा होता है, इसलिए फ़ोन को सुरक्षित रखने की आवश्यकता बढ़ गई है। क्योंकि जब हम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते है तो हमें पासवर्ड की जरुरत होती है और इसी पासवर्ड पर हैकरों की नज़र होती है।इसलिए सबसे पहले ज़रूरी काम आप यह कर सकते है की कम से कम आपके पास दो फ़ोन नंबर कनेक्शन ज़रूर होना चाहिए और उसमें से जो नंबर आप बैंकिंग के लिए इस्तेमाल करते है, उसे किसी स्मार्टफोन के बजाय एक साधारण बिना मल्टीमीडिया वाले की-पैड वाले फ़ोन में इस्तेमाल कीजिए। क्योकि की-पेड फ़ोन में मल्टीमीडिया न होने के कारण उसमे इंटरनेट की सुविधा नहीं होती है, जिससे आपके फ़ोन को कोई हैक नहीं कर सकता है और आप सुरक्षित लेन-देन कर सकते है। 
ज़रूर रखें एंटीवायरस
जिस तरह हम अपने कंप्यूटर को सुरक्षित रखने के लिए एंटीवायरस का इस्तेमाल करते है, उसी प्रकार हमें अपने स्मार्टफोन को भी एंटीवायरस से अपडेट रखना चाहिए। प्लेस्टोर पर बड़े आराम से फ्री एंटीवायरस उपलब्ध हो जाते हैं, लेकिन अगर आप कुछ अतिरिक्त सुरक्षा चाहते है तो आप पेड एंटीवायरस भी खरीद सकते है। लेकिन आप पूरी तरह से एंटीवायरस पर भी निर्भर नहीं रह सकते है। हैकर से बचने के लिए आपको खुद भी अलर्ट रहना पड़ेगा और समय-समय पर एंटीवायरस को भी अपडेट करते रहना पड़ेगा। 
जरुरी ऐप ही इस्तेमाल करें
 
आजकल यूजर इस्तेमाल करने के लिए ढेर सारे ऐप्स का इस्तेमाल करते है। एंड्राइड पर अधिकतर ऐप फ्री में मिल जाते है इसलिए यूजर बिना सोचें समझे भी कई बार ऐप डाउनलोड कर लेते है। हर ऐप इनस्टॉल होने से पहले आपसे कुछ परमिशन माँगती है। अक्सर लोग इसे नज़रअंदाज कर देतें है और बिना कुछ सोचें ही ऐप इनस्टॉल कर लेते है। यही पर वे सबसे बड़ी गलती कर जाते है। 
क्योकि ज्यादातर हैकर ऐसे ही फेक ऐप बनाते है और आपकी परमिशन मिलने पर आपकी नज़रों से बचकर आपकी जानकारियाँ चुरा लेते है। कई ऐप्स इनस्टॉल होते समय मेसेज, कैमरा, कॉन्टेक्ट, लोकेशन आदि की परमिशन माँगते है। यदि एक बार अपने उन्हें यह परमिशन दे दी तो बिना किसी रोक-टोक के वे आपकी जानकारी निकाल सकते है। 
इसलिए जब भी आप कोई ऐप इनस्टॉल करें उसे पहले उसकी सारी परमिशन पर ध्यान जरूर दें। इतना ही नहीं एंड्राइड में गूगल प्ले स्टोर से ही कोई ऐप डाउनलोड करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आउटर सोर्स से डाउनलोड की गई ऐप की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं होती है इसलिए ध्यान रखें। 
कैसे पता करें हैकिंग का

 हो सकता है की इन तरीकों को आजमाने से पहले ही आपका फोन हैक हो गया हो। तब ऐसे में कैसे पता लगाएँ और ऐसे में क्या किया जाये ? इसका पता लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है, इसके लिए बस आपको अपने फोन पर ध्यान देने की जरुरत है। 
यदि आपका फ़ोन हैक होता है, तो उसमे कुछ बदलाव आने शुरू हो जाएँगे। जैसे आपका फ़ोन गर्म होना, स्लो काम करना, बैटरी जल्दी खत्म हो जाना जैसी समस्याएँ सामने आने लगती है। हालांकि यह चीजे कई बार बिना हैकिंग के भी फोन में देखने को मिलती है। 
इसके अलावा अगर आपके फ़ोन में अचानक ही कोई ऐप बिना डाउनलोड के ही इनस्टॉल हो जाये, तो आपको सतर्क होने ही जरुरत है, इसका सीधा सा मतलब यह है ही कोई जबरदस्ती आपके फ़ोन में ऐप इनस्टॉल कर रहा है। इतना ही नहीं अगर आपके फ़ोन में विज्ञापन दिखने लगे और उन्हें खोलते ही कुछ अजीब से वेबसाइट दिखने लगें, तो इसका मतलब आपके फ़ोन में वायरस हैं, इसलिए इसके लिए आपको पहले से तैयार रहना पड़ेगा। 
इसके लिए आप "अनहैक " नाम की एक ऐप की मदद ले सकते है, जो हैकिंग के मामले में आपकी थोड़ी मदद कर सकती है. ये ऐप बस दो-तीन स्टेप में बता देती है की आपके फ़ोन की किस ऐप के पास ऐसी परमिशन है, जो उनके पास नहीं होनी चाहिए। इसकी मदद से आप पूरी तरह तो हैकिंग से नहीं बच सकते, मगर आपके फ़ोन में क्या चल रहा है इसका पता आप जरूर लगा सकते हैं। 
इसलिए अगली बार फ़ोन इस्तेमाल करने से पहले इन बातों का जरूर ध्यान रखें। क्योंकि आजकल अपने फ़ोन को सुरक्षित रखना बहुत जरुरी हो गया है। 
तो देखा आपने आपका फ़ोन इतना भी सुरक्षित नहीं है जितना की आप समझते है। आपकी थोड़ी सी नजरअंदाजी कैसे आप पर भारी पड़ सकती है। लेकिन इन छोटे-छोटे स्टेप्स के जरिये आप हैकिंग से बच सकते हैं। 







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