जी हाँ ! यदि आप भी मार्केट में बिकने वाली अरहर दाल खरीद कर इस्तेमाल करते है तो ज़रा सावधान हो जाएं। क्योंकि बाजार में साफ सुथरी और शानदार दिखाई देने वाली अरहर की दाल में खेसारी दाल को मिला कर बेचा जा रहा है जो आपको बीमार कर सकती है जिससे आपके पैरों में लकवा मार सकता है। अरहर की दाल कुछ लोग शौक से और कुछ लोग मज़बूरी में इस्तेमाल करते हैं क्योंकि दाल में प्रोटीन पाई जाती है इसलिए बाजार में गोरखधंदा करने वाले इसी बात का फायदा उठाकर अरहर की दाल से मिलती जुलती खेसारी दाल को मिलाकर बाजार में बेंच रहें है। ये वही दाल है जिसे वर्ष 1961 में बैन कर दिया गया था। खेसारी दाल भारत में कभी इस कदर लोकप्रिय थी की कई इलाकों में पेमेंट के तौर पर इसका प्रयोग होता था। न्यू साइंटिस्ट मैगज़ीन में वर्ष 1984 में छपी रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया था। वर्ष 1907 में जब देश में भयंकर सूखा पड़ा तो मध्य प्रदेश स्थित रीवा के महाराज ने इस दाल की खेती पर रोक लगा दिया था। इस दाल को लाकहोली दाल के नाम से भी जाना जाता है। किसी समय में इसका इस्तेमाल किसान लोग जानवरों के चारे के रूप में करते थे। लेकिन सरका
सूरजमुखी (Sunflower)
सूरजमुखी के फूल दुनिया के चुनिंदा खूबसूरत फूलों में गिने जाते है। ये जितना दिखने में खूबसूरत होते है उससे कहीं ज्यादा गुणकारी होते है। सूरजमुखी एक अमेरिकी वानस्पतिक पौधा है। लेकिन यह रूस, ब्रिटेन, मिस्र, डेनमार्क, स्वीडन और भारत आदि अनेक देशों में आज उगाया जाता है। इसे लोग सूरजमुखी इस कारण से कहते है क्योंकि यह सूर्य की ओर झुकता रहता है, प्रायः सभी पेड़-पौधे सूर्य प्रकाश के लिए सूर्य की ओर कुछ न कुछ झुके रहते है, लेकिन सूरजमुखी का सूर्य की ओर झुकना आँखों से देखा जा सकता है ज्यादातर इनका उपयोग घरों की शोभा बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसके फूल की पंखुड़ियाँ पीले रंग की होती है और मध्य में भूरे, पीत या निलेहित या किसी-किसी पौधे में काला चक्र होता है। चक्र में ही चिपटे काले बीज होते है। बीज से ही उच्च कोटि का खाद्य तेल प्राप्त होता है और इसकी खली मुर्गी की खिलाई जाती है। सूरजमुखी के पौधे में रितुआ रोग भी कभी-कभी लग जाता है। जिससे पत्तियों में पीले-भूरे रंग के चकत्ते पड़ जाते है। इससे बचाव के लिए गंधक की धूल का छिड़काव किया जाता है।
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत : Plantae
अश्रेणीत : Eudicots, Angiosperms, Asterids
गण : Asterales
कुल : Asteraceae
उपकुल : Helianthoideae
गण जाति : Heliantheae
वंश : Helianthus
द्विपद नाम : Helianthus annuus
सूरजमुखी के फायदे
जैसा की आप जानते है सूरजमुखी के फूल दिखने में जितने ही आकर्षक लगते है उतने की हमारे लिए फायदेमंद भी साबित होते है, इसके फायदे का राज छुपा हुआ है इसके बीजों में। अभी तक हुए अध्यन के मुताबिक सूरजमुखी के बीज कितने लाभकारी है इसका पता चला है, जो शरीर को कई तरह से लाभ पहुँचाने का काम कर सकते है।
आइये जानते है सूरजमुखी के बीजों के फायदों के बारें में ----
- दिल के लिए फायदेमंद - सूरजमुखी के बीज में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी- इंफ्लेमेंटरी के साथ-साथ घाव को भरने का भी गुण होता है। इनके बीजों में फ्लेवोनाइड, पॉलीसैचुरेटेड फैटी एसिड और विटामिन मौजूद होते हैं, जो हृदय सम्बन्धी समस्यायों से बचाव करने का काम करते हैं।
- कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद - यदि आप कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं या आपको भविष्य में इसकी समस्या से बचना है तो आप सूरजमुखी के बीजों के तेल का इस्तेमाल अपने भोजन में कर सकतें है। क्योंकि इसमें प्रचुर मात्रा में ओलेइक और लिनोलिक फैटी एसिड होता है। जो हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है।
- हड्डियों के लिए फायदेमंद - सूरजमुखी के बीज में आयरन, कैल्शियम व ज़िंक मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ्य रखने में मदद करते हैं।
- बालों के लिए - सूरजमुखी के बीजों में विटामिन, आयरन व ज़िंक जैसे कई पोषक तत्व होने के कारण ये बालों को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित हो सकते है। इसके लिए आप सूरजमुखी के बीजों का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं।
- चमकदार त्वचा के लिए - कई बार शरीर में पानी की कमी की वजह से त्वचा अपनी प्राकृतिक चमक खोने लगती है। ऐसे में सूरजमुखी के बीज का तेल काफी लाभकारी हो सकता है। क्योकि इसमें मौजूद लिनोलेइक एसिड त्वचा को हाईड्रेट करके उसकी चमक बढ़ा सकता है।
- कब्ज के लिए - फाइबर युक्त सूरजमुखी के बीजों का सेवन कब्ज के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
- हानिकारक बैक्टीरिया से बचाव - इनके बीजों में एंटी-मइक्रोबियल, एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण पाए जाते है, जो शरीर को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाव करने में सहायक होते है।
- ऊर्जा बढ़ाने में - शरीर सही तरीके से काम करें उसके लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ऐसे में मेवे और बीज फायदेमंद माने जाते है। सूरजमुखी के बीज भी पोषक तत्वों से भरपूर होते है और ऊर्जा का एक अच्छा श्रोत माने गए हैं। इसलिए शरीर में ऊर्जा का प्रवाह बनाये रखने के लिए सूरजमुखी के बीजों का सेवन किया जा सकता है।
- जोड़ो के दर्द के लिए - यदि शरीर में सूजन की वजह से होने वाली जोड़ो की समस्या है, तो ऐसे में सूरजमुखी तेल के कैप्सूल का सेवन किया जा सकता है। हालांकि इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
- मधुमेह के लिए - इसमें पोलीसैचुरेटेड फैट होता है और इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होने के कारण मधुमेह के रोगियों के लिए इनके बीज बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
- दिमाग के लिए - अल्ज़ाइमर की समस्या से जूझ रहे रोगियों के लिए ये बहुत ही अच्छा साबित हो सकता है। सूरजमुखी के बीज में कैल्शियम व ज़िंक जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो मस्तिष्क के विकास में लाभकारी सिद्ध हो सकते है।
- कैंसर के लिए - लिगनेन युक्त खाद्य पदार्थ हार्मोन बदलाव से जुड़े कैंसर से बचाव कर सकते है। महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के खतरे से इसके लाभ को देखा जा सकता है। सूरजमुखी के बीज में लिगनेन मौजूद होता है, जो सेहत के लये फायदेमंद माना गया है। लिगनेन एक प्रकार के पॉली फेनोल होते हैं, जो एंटी-ऑक्सीडेंट की तरह काम करते हैं।
सूरजमुखी के बीजों को कैसे स्टोर करें ?
- सूरजमुखी के बीजों को एयर टाइट डिब्बे में रख सकते हैं।
- इसे प्लास्टिक के डिब्बे या बैग में कभी ना रखें।
- इसे एक शीशे के ज़ार में रखा जा सकता है।
- इसे शीशे के एयर टाइट डिब्बे या ज़ार में डालकर फ्रिज में रखा जा सकता है।
सूरजमुखी बीजों के नुकसान
जी हाँ यदि किसी चीज़ का ज़रूरत से ज्यादा सेवन किया जाये तो वो नुकसानदायक भी हो सकता है। ठीक उसी तरह सूरजमुखी के बीजों के फायदें भी है तो नुकसान भी हैं। यदि सूरजमुखी के बीजों का अत्याधिक सेवन किया जाये तो वो हानिकारक भी हो सकते हैं, तो आइये जानते हैं फायदे और नुकशान क्या हैं ?
- गर्भवती महिलाओं के लिए सूरजमुखी के बीज नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। इसलिए उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
- जिन लोगों को सूरजमुखी से एलर्जी हो उन्हें सूरजमुखी के बीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
- सूरजमुखी के बीजों का सेवन छिलकों के साथ नहीं करना चाहिए। सूरजमुखी के बीजों का इस्तेमाल छिलकों को उतारकर ही करना चाहिए। क्योंकि छिलकों के साथ सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान हो सकता है। इससे पेट दर्द और उलटी जैसी समस्या पैदा हो सकती है।
- सूरजमुखी के बीजों का इस्तेमाल हो सके तो डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
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